न्यू इंडिया का शर्मनाक चेहरा :
गेहूं काटने में देरी की तो ठाकुरों ने दलित की मूंछ उखाड़ी, जूते में पेशाब भरकर जबरन पिलाया

ये घटना 21वीं सदी के भारत की है। जब भारत मंगलग्रह पर पहुंच चुका है, प्लास्टिक मनी का उपयोग होने लगा है, इंडिया डिजिटल बन रहा है। भारत इतना आगे बढ़ चुका है कि घर से बर्तन की जगह बैंक से LOU और डेटा चोरी होने लगा है। लेकिन इस प्रगति का जातिवाद पर कोई असल नहीं पड़ा है। आज भी भारतीय समाज पर जातिवाद का पूरा दबदबा कायम है।

क्यों कायम है क्योंकि? क्योंकि सत्ता और शासन इसे कायम रखना चाहता है! ताजा उदाहरण योगी आदित्नाथ के रामराज्य (उत्तर प्रदेश) की है। उत्तर प्रदेश के बदायूं  में एक दलित मजदूर को गांव के ठाकुरों ने पहले पेड़ से बांधकर पीटा, मूंछ उखाड़ ली और तमाम तरह की यातनाएं दी।

सामंतियों आज भी कानून और पुलिस को अपने चरण की धूल समझते हैं। उत्तर प्रदेश में तो सामंती सोच के पुरोधा योगी आदित्यनाथ की सरकार ही है। पीड़ित सीताराम ने अपने साथ हुए जातिवादी हिंसा की शिकायत पुलिस में की लेकिन मनुवादी वर्दीधारियों ने अपने वंशजों की रक्षा करते हुए कोई कार्रवाई नहीं की।

हजरतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम आजमपुर बिसौरिया निवासी दलित सीताराम परिवार चलाने के लिए खेती के साथ मजदूरी भी करते हैं। सीताराम का आरोप है कि 23 अप्रैल की शाम गांव के ठाकुर विजय सिंह, उनके भाई शैलेंद्र, पिंकू सिंह और विक्रम सिंह ने अपने गेहूं काटने को कहा था। सीताराम ने कहा कि वह अपने खेत के गेहूं काट रहे हैं। दो दिन बाद खाली होने पर उनके गेहूं काट देंगे। इस पर वे बौखला गए और गालियां देने लगे।

लेकिन शायद श्रीराम के वंशज होने का दावा करने वाले भूल रहे हैं कि ये त्रेतायुग नहीं है, ये 21वीं सदी का लोकतांत्रिक भारत है जो संविधान से चलता है। यहां किसी अपराध के लिए सबको एक समान सजा मिलती है।

सीताराम ने भी संविधान का सहारा लिया। पुलिस थाने में सुनवाई न होने के बाद पीड़ित सीताराम अपनी रिश्तेदारी में बरेली के थाना सुभाषनगर क्षेत्र के करेली गांव चला गए। वहां 26 अप्रैल को आईजी बरेली को शिकायती पत्र भेजा।

अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार दोपहर सीताराम परिवार समेत एसएसपी कार्यालय जाकर एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के सामने पेश हुए और घटना की जानकारी दी। एसपी सिटी के आदेश पर हजरतपुर पुलिस ने आरोपी विजय सिंह, उसके भाई शैलेंद्र सिंह, पिंकू सिंह और विक्रम सिंह के खिलाफ मारपीट व धमकी देने की धारा 323, 504, 506, 342 और मूंछ उखाड़ने व पेशाब पिलाने की धारा 31 (ड़) (क) (ग) के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

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